आज के समय में भारत में वाहनों की कोई कमी नहीं है हर दिन अनगिनत वाहन पूरे देश में खरीदे जा रहे हैं जिसकी वजह से हर रोज सैकड़ों की संख्या में देश में सड़क हादसे होते हैं। सड़क हादसों के दौरान अनेक लोगों की जान चली जाती है जबकि वर्तमान समय में ज्यादातर वाहनों को नुकसान होता है क्योंंकी कि लोगों को बचाने के लिए वाहनों में विभिन्न प्रकार के सेफ्टी विकल्प मौजूद होते हैं। लेकिन वहां को भारी क्षति पहुंचती हैं। ऐसी स्थिति में लोग सड़क हादसों में हुए वाहन के नुकसान की भरपाई के लिए insurance करवाते हैं वैसे सरकार की तरफ से प्रत्येक वाहन के लिए थर्ड पार्टी insurance अनिवार्य किया गया है।
थर्ड पार्टी वाहन insurance केवल सामने वाली पार्टी के नुकसान की भरपाई करती हैं जिसकी वजह से लोग अपना वाहन के नुकसान की भरपाई नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में वर्तमान समय में अनेक सारी इंश्योरेंस कंपनियां विभिन्न प्रकार के इंसुरेंस उपलब्ध कराती है जिसमें तरह-तरह के वाहन insurance भी शामिल हैं। वाहन के मालिक अपने बजट के अनुसार तथा अपनी सुविधाओं के अनुसार अपने वाहन का इंश्योरेंस करवाते हैं। जिसके बाद निर्धारित समय के बाद मिनिमम प्रीमियम राशि का भुगतान करने के बाद अगर वाहन कभी भी सड़क हादसे का शिकार होता है तो वाहन का मालिक मुआवजा के लिए insurance कंपनी को claim कर सकता है और नियम और शर्तों के तहत उसे मुआवजा भी मिल जाता है।
प्रत्येक insurance के तहत कुछ निर्धारित की गई नियम और शर्तें होती हैं जिसके आधार पर ग्राहक और कंपनी के बीच पारदर्शिता बनी रहती हैं जिस तरह से जीवन बीमा के तहत भारतीय संविधान की कुछ धाराओं के तहत संस्थान लागू किए गए हैं। वही भारत में मोटर वाहन इंश्योरेंस के तहत भी कुछ नियम और शर्तें सरकार की तरफ से लागू की गई है जिसे मोटर वाहन अधिनियम या मोटर वाहन insurance नियम कहते हैं। इन नियमों ने सरकार की तरफ से समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार बदलाव किए जाते हैं जो लोगों के लिए हितकारी होते हैं और जरूरी भी लेते हैं आज के इस आर्टिकल में हम आपको general insurance के तहत Indian Motor Tariff नियम की जानकारी देंगे।
INDIA MOTOR TARIFF (IMT) —
सामान्य बीमा के तहत भारतीय मोटर टेरिफ के नियमों के बारे में प्रत्येक देशवासी को जरूर जाना चाहिए क्योंकि आमतौर पर आज के समय में लगभग सभी लोगों के पास वाहन है और उन्हें अपने वाहन का insurance कराना होता है, जिसके लिए भारतीय मोटर टेरिफ नियमों की जानकारी भी होनी चाहिए। आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि जिस तरह से जीवन बीमा के लिए सरकार की तरफ से भारतीय कानून में कुछ सेक्शन लगाए गए हैं। ठीक वैसे ही भारत में insurance के तहत मोटर वाहनों के अंतर्गत टैरिफ नियम लागू किए गए हैं जो वाहन मालिकों को मानने होते हैं तथा यह नियम insurance कंपनी और बीमा धारक के बीच पारदर्शिता भी बनाए रखते हैं।
भारतीय सड़कों पर चलने वाले वाहनों को ऑपरेट करने के लिए तथा सार्वजनिकता को बरकरार रखने के लिए भारतीय मोटर टैरिफ के तहत कुछ ऐसे नियम बनाए गए हैं जो काफी कारगर साबित होते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि यह नियम दायित्व बीमा पर मूल रूप से मूल सिद्धांतों के अधीन है जो दायित्व बीमा पर लागू होता है। इस नियम के तहत वाहन का मालिक वाहन के रजिस्ट्रेशन के तहत रजिस्टर्ड होना चाहिए। वाहन की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की लाभ या हानि के लिए वाहन का मालिक ही सूचित कर सकता है तथा हादसे के बाद जरूरी दस्तावेज और जरूरी जानकारी के साथ क्लेम प्राप्त करने के लिए insurance कंपनी को सूचित कर सकता है। यह सभी जानकारी इस नियम के तहत लिखी गई है।
इस नियम के तहत इस बात की व्याख्या की गई है कि मोटर बीमा अनुबंध सामान्य रूप से संपत्ति और वाहन बीमा पर लागू बुनियादी सिद्धांतों के अधीन है। इस नियम के तहत वाहन के मालिक वाहन को रजिस्टर्ड अपना अनिवार्य है। जिसके तहत वह किसी भी समय या चोट के समय अपने दायित्व का निर्माण कर सकता है। अगर वाहन का इंश्योरेंस करवाया हुआ है तो वह मुआवजा भी प्राप्त कर सकता है आपकी जानकारी के लिए बता देते हैं कि प्रत्येक वाहन का थर्ड पार्टी insurance अनिवार्य होता है। लेकिन उससे केवल सामने वाली पार्टी को ही मुआवजा दिया जाता है। ऐसी स्थिति में वाहनों के मालिक अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए भी और अपनी सुविधा के अनुसार और अपने बजट के अनुसार दूसरे विभिन्न प्रकार के वाहन इंश्योरेंस करवाते हैं।
General Insurance IMT Rules in Hindi 2025—
जनरल insurance के तहत इंडियन मोटर टेरिफ नियम प्रत्येक श्रेणी के वाहन के अनुसार लागू होते हैं जैसे अगर किसी व्यक्ति की निजी कार है तो उसके लिए अलग से इंडियन मोटर टेरिफ रूल बनाए गए हैं। अगर किसी व्यक्ति के पास बाइक है तो उस बाइक के लिए भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत इंडियन मोटर टेरिफ रूल बनाए गए हैं। इसी प्रकार अगर किसी के पास कोई वाणिज्यिक वाहन है यानी ऐसा वाहन जिससे किसी भी प्रकार का माल लाया या ले जाया जाता है। उस वाहन के लिए भी इंडियन मोटर टेरिफ नियम लागू होते हैं। लेकिन इन सभी के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं जो अलग-अलग नियम और शर्तों के तहत लागू होते हैं तो आइए इन सभी के बारे में जान लेते हैं:
1. निजी कार — इंडियन मोटर टेरिफ नियम जो जनरल insurance के तहत लागू होते हैं। यह नियम किसी भी प्रकार की निजी कार्य पर इस प्रकार लागू होता है कि प्रत्येक निजी कार्य के मालिक का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। जिसकी वजह से ही उन्हें किसी भी प्रकार की हानि होने पर अगर insurance करवा रखा है तो मुआवजा मिलेगा अन्यथा किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिलेगा पूरी श्रति वाहन मालिक की ही होगी।
2. दोपहिया वाहन — जनरल insurance के तहत इंडियन मोटर टेरिफ नियम दुपहिया वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम1988 के अनुसार सभी वाहन मालिकों को मोटर बीमा पॉलिसी लेना अनिवार्य है। लेकिन इस पॉलिसी के तहत केवल सामने वाली पार्टी के ही नुकसान की भरपाई की जाएगी। अगर आप अपने नुकसान की भरपाई भी करना चाहते हैं तो आपको अतिरिक्त दूसरा insurance लेना होगा तथा उस इंश्योरेंस के तहत भी आप क्लेम तभी कर पाएंगे। जब आप अपने वाहन का और वाहन के मालिक का सही तरह से रजिस्ट्रेशन करवा चुके होंगे, इसमें व्यक्तिगत दुर्घटना कवर भी शामिल होता है।
3. वाणिज्यिक वाहन — ऐसे वाहन जो माल ढोने के लिए होते हैं जैसे किसी कंपनी या फैक्ट्री का माल कहीं पर पहुंचाना होता है। इस तरह से किसी भी माल को लाने और ले जाने का काम करने वाले वाणिज्यिक वाहनों को भी भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत जनरल insurance के अंतर्गत इंडियन मोटर टेरिफ नियम को लागू किया गया है जिसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन वाहन के मालिक के साथ होना चाहिए, तभी हादसे के बाद वाणिज्यिक वाहन के नुकसान की भरपाई के लिए क्लेम कर सकते हैं और क्लेम प्राप्त कर सकते हैं।
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Conclusion
General insurance के तहत भारतीय मोटर टेरिफ नियम विभिन्न प्रकार के श्रेणी के अनुसार वाहनों पर लागू होते हैं जो सभी वाहनों के मालिकों को जाना अनिवार्य है क्योंकि अगर किसी वाहन का रजिस्ट्रेशन हो चुका है और उसके वाहन के रजिस्ट्रेशन में मालिक को सूचीबद्ध किया गया है तभी वह मालिक उस वाहन के दुर्घटना होने पर अपने वाहन insurance के कंपनी को claim के लिए सूचित कर सकता है और claim प्राप्त कर सकता है।
जनरल बीमा इंडियन मोटर टेरिफ नियम क्या है कौन-कौन से वाहनों पर और किस तरह से लागू होते हैं। इस विषय में पूरी जानकारी आज के इस आर्टिकल में हम आपको विस्तार पूर्वक बता चुके हैं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपको जरूर पसंद आई होगी। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न हैं? तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर समय पर देने की पूरी कोशिश करेंगे।